कहते हैं कि लोकतंत्र में जनता ही जनार्दन है लेकिन अभी राज्यसभा चुनाव की तैयारी चल रही है ,अक़्सर देखा गया है कि बड़ी राजनेतिक पार्टियां चाहे वो कांग्रेस हो या बीजेपी ,लालू की आर जे डी , सपा और जेडीयू
जो नेता लोकसभा का इलेक्शन हार जाते हैं उन्हें राज्यसभा से एंट्री करा दी जाती है ,या जो नेता जिनको विरोधी पार्टी पर हमले के लिए संगठन में उपयोग में लाया जाता है
वैसे सही मायने में देखा जाए तो राज्यसभा में वो कुलीन व्यक्ति को भेजा जाना चाहिए जिन्होंने समाज सेवा और देश के लिए कुछ खास किया हो चाहे वो साहित्य हो या खेल कूद , साइंटिस्ट कहने का साफ मतलब हो जिनका राजनीति से ज्यादा मतलब ना हो ,
इसका फायदा ये है कि ये बुदधिजीवियों और समाजसेवी लोग वक़्त आने पर देश को हमेशा एक सही रास्ता दिखाएं बिना किसी सियासत और लालच के
लेकिन एक लंबे समय से राजनेतिक पार्टियां आपने लोकसभा में हारे हुए नेता को राज्यसभा से वाइल्डकार्ड एंट्री देती हैं सियासत के खेल रोचक और राजनेताओं को खुश करने के लिए ,
लेकिन इसका दूसरा पहलू देखे तो ये जनता के जनादेश का खुला मजाक है जब किसी नेता को जनता लोकसभा चुनाव में अपना वोट ना देकर अस्वीकार कर देती है इसका मतलब साफ है कि वो जनहित कामों में खरा नहीं उतरा
अगर कांग्रेस हो या कोई और राजनेतिक पार्टी ऐसे लोकसभा से हारे हुए नेता को राज्यसभा के द्वारा पीछे के दरवाजे से एंट्री देती है तो ये सीधे सीधे लोकतंत्र की हत्या है ऐसे बहुत उदहारण है – कांग्रेस के दिग्विजय सिंह , सपा के रामगोपाल यादव ,शरद यादव एक लंबी फेहरिस्त है
क्या हमारे देश में जनता के बीच ईमानदार समाज सेवी ,ईमानदार खिलाड़ी ,ईमानदार बिज़नेस मैन , ईमानदार साइंटिस्ट,डॉक्टर,जज नहीं है जो राज्यसभा में आकर देश के लिए विकास की योजनाएं बनाए
सबसे मजेदार बात ये है कि कोई राजनेतिक पार्टी इस बात पर कोई सवाल नही करती है ना कोई आंदोलन
आपके के क्या विचार है कृपया कॉमेंट बॉक्स में दे जिससे एक नहीं बहस सुचारू रूप से चले और राजनेतिक पार्टियों के कानों तक पहुंचे
शैलेन्द्र शुक्ला “हल्दौना”
Reblogged this on Shelendra shukla "Haldauna" and commented:
I beleive most of people agree on this point ,but we need to raise voice for this isdue
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