सन्नाटा शहर में सन्नाटा है बस्तियां खामोशजिंदगी क्या गहरी नींद सो रही हैमौत करती नहीं कफन की बातक्या मौत इतनी सस्ती हो रही हैशैलेंद्र शुक्ला ” हलदौना Share this:TwitterFacebookLike this:Like Loading... Related